कोलकाता । लोकसभा चुनाव की चार जून को मतगणना के बाद से पश्चिम
बंगाल के विभिन्न इलाकों से चुनाव के बाद की हिंसा की खबरें सामने आ रही
हैं। इसके बाद, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने फिलहाल केंद्रीय सशस्त्र
पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस (एसएपी) दोनों की कुल 700
कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है।
मुख्य चुनाव अधिकारी के
कार्यालय के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि 700 कंपनियों में से 400 कंपनियां
सीएपीएफ की होंगी, जो आयोग के पहले के फैसले के अनुसार 19 जून तक राज्य
में रहेंगी। शेष 300 कंपनियां एसएपी की होंगी।
यह फैसला कलकत्ता
उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा
की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र-राज्य के बीच अधिक सहयोग का आह्वान करने
के एक दिन बाद आया है।
सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि
मुर्शिदाबाद और बारासात पुलिस जिलों और बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत
आने वाले क्षेत्रों में अधिकतम 40 कंपनियां तैनात की जाएंगी। सीईओ
कार्यालय के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया, "इन सभी जगहों पर सीएपीएफ और एसएपी
की संयुक्त टीम तैनात होगी।" गुरुवार को अवकाश पीठ के निर्देश के अनुसार,
राज्य पुलिस प्रमुख को यह व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है कि चुनाव
के बाद हुई हिंसा के पीड़ित ईमेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकें, ताकि
संबंधित पुलिस थाने आवश्यक कार्रवाई कर सकें। सूत्र ने बताया, "आयोग इस बार
चुनाव के बाद की हिंसा की घटनाओं के सामने आने को लेकर विशेष रूप से सतर्क
है, क्योंकि 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद पूरे राज्य में ऐसी कई
घटनाएं हुई थीं।" केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अभी भी 2021 के चुनाव के
बाद हुई हिंसा की जांच कर रही है।