उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व संपन्न।

Sandeep Jain - 11/8/2024 10:11:10 AM -

आस्था का महापर्व साल में दो बार चैत्र और कार्तिक  माह में मनाया जाता है. छठ महापर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के साथ हुई थी. इस दिन व्रतियों ने अरवा चावल, चना का दाल और कद्दु का सब्जी खाया था. वहीं कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 6 नवंबर को खरना था. इस दिन रात में व्रतियों ने खीर का प्रसाद ग्रहण किया था. इसके बाद ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हुआ था. वहीं पंचमी तिथि को व्रतियों ने अस्तचलागामी सूर्य को अर्घ्य दिया था. जबकि आज यानी छठ के चौथे दिन अरुणोदय काल में भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया गया. आज व्रतियों के पारण के साथ चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व संपन्न हुआ.

लोक आस्था का महापर्व छठ उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को व्रतियों ने सुबह 06 बजकर 32 मिनट पर उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया और धन, धान्य और आरोग्य की कामना की. अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने पारण कर निर्जला उपवास को पूरा किया.

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