झारखंड में आदिवासी संगठनों ने राज्यभर में चार जून यानि बुधवार को संपूर्ण बंद का ऐलान किया है. यह बंदी आदिवासी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, जमीन विवाद और विकास योजनाओं से जुड़ी आपत्तियों के खिलाफ बुलाई गई है
इन मुद्दों को लेकर बुलाया बंद : आदिवासी संगठनों ने सिरम टोली फ्लाईओवर रैंप विवाद, लुगु बुरु, पारसनाथ पहाड़, दिउरी दिरी तमाड़ और बेड़ो महदानी सरना स्थल जैसे मुद्दों को उठाते हुए विरोध की रणनीति बनाई है.संगठनों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ठोस पहल नहीं की है, इसलिए वे मजबूर होकर सड़कों पर उतर रहे हैं.
बंद के दौरान सेवाएं : बंद के दौरान सिर्फ आपातकालीन मेडिकल सेवाएं ही चालू रहेंगी.आम जनता से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें, ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति या कानून-व्यवस्था की समस्या न उत्पन्न हो.
आदिवासी संगठनों की मुख्य मांगें -
सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप विवाद का समाधान.
मरांग बुरू, लुगु बुरु और पारसनाथ जैसे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा.
मुधर हिल्स (पिठोरिया) और अन्य पारंपरिक स्थलों की रक्षा.
तमाड़ और बेड़ो क्षेत्र के महदानी सरना स्थलों को बचाना.
दिउरी दिरी तमाड़ और बेड़ो महदानी सरना स्थल का बचाव.
रांची जिले के लापुंग में पुलिस और ग्रामीणों के बीच आज मंगलवार को झड़प हुई थी. इस घटना में जहां थाना प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मी घायल हुए है, वहीं खबर है कि गोली लगने से दो ग्रामीण भी घायल हुए हैं.
ग्रामीणों के अनुसार पुलिस कर्मियों द्वारा फायरिंग की गयी थी. उस फायरिंग में दो लोगों को गोली लगी है. जिन लोगों को गोली लगी है उसका नाम जतुरु मुंडा और बिरसा देवी नाम बताया जा रहा है.
दोनों ग्रामीणों को इलाज के लिए भरनो अस्पताल ले जाया गया था, भरनो सदर अस्पताल से दोनों को रांची रेफर किया गया है. लापुंग थाना क्षेत्र में जमीन विवाद के मामले को लेकर चल रही ग्रामसभा में लापुंग थाना के पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया है.
इस हमले में लापुंग थाना प्रभारी समेत दो पुलिसवाले घायल हैं. लापुंग थाना प्रभारी के सिर में चोट लगी है. उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया है.
झारखंड बंद की पूर्व संध्या पर आदिवासी संगठनों ने मशाल जुलूस निकाला, किया विरोध प्रदर्शन
सिरम टोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर रैंप बनाने के खिलाफ और आदिवासी अधिकारों की रक्षा की मांग को लेकर आज मंगलवार शाम जयपाल सिंह मुंडा मैदान से मशाल जुलूस निकाला गया.
मशाल जुलूस में शामिल लोग पैदल मार्च करते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पर पहुंचे. मशाल थामे लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए चेतावनी दी कि अब और अन्याय नहीं सहेंगे.
प्रदर्शनकारियों ने एलान किया कि 4 जून को झारखंड बंद रहेगा, जिसमें राज्यभर के आदिवासी समुदाय अपना भागीदारी करेंगे. आरोप लगाया कि हेमंत सरकार न केवल उनकी धार्मिक आस्था से जुड़े सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि आदिवासी जमीन भी छीनी जा रही है.
आदिवासी संगठनों ने राज्य के सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत को भी मुद्दा बनाते हुए कहा कि यहां शिक्षक नहीं हैं, सुविधाएं नहीं हैं. आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधेरे में है. उन्होंने बताया कि पिछले पांच महीनों से लगातार आंदोलन जारी है, लेकिन सरकार मौन है.