बीकानेर। पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवीसिंह
भाटी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए पूर्व नेता
प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को जिम्मेदार ठहराया है। भाटी ने कहा- राजेंद्र
राठौड़ के कारण भाजपा लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कई सीटें हार गई।
उन्होंने कहा- राजेंद्र राठौड़ ने एक-दूसरे की काट करने की राजनीति की। इसी
वजह से माहौल बिगड़ा। टिकट भी ठीक प्रकार से नहीं बंटे। भाटी ने
ब्यूरोक्रेसी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा- भाजपा के राज में
ब्यूरोक्रेसी बेकाबू है। मुख्य सचिव के कमरे के आगे विधायक लाइन लगाकर खड़े
रहते हैं।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में देवीसिंह भाटी ने कहा-
लोकसभा चुनाव में राजेंद्र राठौड़ ने घेराबंदी करके, दबाव बनाकर जिन लोगों
को टिकट दिलवाया, वो लोग चुनाव हार गए। भाटी ने चूरू में राहुल कस्वां को
टिकट नहीं देने को पार्टी का गलत निर्णय बताया और कस्वां की कार्यशैली की
तारीफ की। उन्होंने कहा- राहुल कस्वां का टिकट काटने से जाट वोटर्स छिटक
गए। इससे भाजपा को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
भाटी ने कहा-
राजेंद्र राठौड़ ने एक-दूसरे को काटने की कोशिश की। ये सबसे संकट वाली
शुरुआत थी। इससे निश्चित तौर पर वातावरण खराब हुआ। इसी कारण जगह-जगह पार्टी
में विद्रोह हो गया। बाड़मेर में भी इसी कारण निर्दलीय खड़े हुए। अन्य जगह
भी इसी तरह के नेता खड़े हो गए। भाटी ने कहा कि टिकटों का वितरण सही होता तो
भाजपा की झोली में और सीटें आ सकती थीं।
संगठन ने भी नहीं किया काम
पूर्व
मंत्री ने कहा- संगठन ने भी अपना काम सही तरीके से नहीं किया। संगठन में
पन्ना प्रमुख, बूथ प्रभारी का काम सही नहीं था। वोटर लिस्ट में किसके नाम
जुड़े हैं, किसी ने गलत नाम तो नहीं जोड़ लिए। जब वोट डालने का काम शुरू हुआ
तो पता चला कि पूरे परिवार का ही नाम कट हो गया। ये सब गलतियां देखने वाला
कोई नहीं था। संगठन की जो वर्किंग होनी चाहिए, वो कहीं भी नहीं रही। इसके
कारण भी चुनाव में स्थिति खराब हुई है। इसमें अब सुधार होना चाहिए।
बीकानेर संभाग की तीनों सीटें जीत सकते थे
भाटी
से बीकानेर संभाग की तीन में से दो सीट (श्रीगंगानगर और चूरू) हारने के
मुद्दे पर कहा कि संभाग में भी टिकट वितरण सही नहीं हुआ है। टिकट सही दिया
जाता तो हम तीनों सीट जीत जाते। भाटी ने यह भी कहा कि किसी न किसी के दबाव
में टिकटों को बदला गया। इसी कारण पार्टी को जगह-जगह हार का सामना करना
पड़ा।
कांग्रेस राज में ब्यूरोक्रेसी काबू में थी
भाटी
ने कहा कि जब तक कांग्रेस का राज रहा, तब तक ब्यूरोक्रेसी काबू में रही।
जब से ये सरकारें बदलने लगी हैं, तब से ब्यूरोक्रेसी काबू में नहीं रही।
भाटी ने कहा कि बड़े-बड़े अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।
आईएएस, आरपीएस, आरएएस को पता है कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने
वाली। वो समझते हैं कि हम तो रिटायर होकर ही जाएंगे, तब तक कोई कुछ नहीं
करेगा। जनप्रतिनिधि तो पांच साल में बदल जाएंगे।