अपने चहेतों को लाभान्वित करने के लिए हेमंत सरकार लाई नई शराब नीति.....बाबूलाल मरांडी
Sandeep Jain - 5/18/2025 10:26:59 AM -
यदि सरकार ईमानदार तो एक लाइसेंस धारी को एक दुकान ही हो आवंटित।
अधिसूचित क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में हो दुकानों का आवंटन।
ग्रामीण महिलाओं को प्राथमिकता मिले।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार की नई शराब नीति पर बड़ा निशाना साधा।
श्री मरांडी ने पूर्व में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का भी उल्लेख किया।
कहा कि पहले भी उन्होंने राज्य सरकार की नीति और नीयत को उजागर किया है और समय आने पर फिर खुलासा करेंगे।
कहा कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल में तीसरी बार शराब घोटाले की नींव डाली है। पहले दो घोटाले अभी जांच के घेरे में हैं और अब तीसरी बार अपने चहेतों को उपकृत करने केलिए नए तरीके से शराब नीति लाई गई है। जो माफियाओं को खुली छूट देकर शराब पर कब्जे की वैधानिक कार्रवाई है।
कहा कि इस नीति के तहत नीलामी यूनिट के आधार पर होगी ।हर यूनिट में एक से चार दुकानों का प्रावधान है। कोई भी व्यक्ति या समूह इसके तहत अधिकतम 12 यूनिट ले सकता है।
इसमें ऐसा भी प्रावधान है कि अगर किसी ने ऐसी यूनिट ली जिसमे चार दुकानें हैं तो वह व्यक्ति या समूह एक जिले में 48 दुकानें ले सकता है।
कहा कि इतना ही नहीं एक व्यक्ति या समूह इस नीति के तहत राज्य में 140 दुकानें ले सकता है।
कहा कि सभी को पता है कि कारोबारी पहले से ही दो,चार,दस,बीस कंपनियां बनाकर बैठे हैं।वे अलग अलग कंपनियों और समूहों के नाम पर नीलामी में भाग लेंगे।और इस नीति का फायदा उठाकर पूरे राज्य की शराब दुकानों पर कब्जा और एकाधिकार स्थापित करेंगे। और फिर एक बार राज्य के शराब व्यापार पर कुछ चुनिंदे नामों का खुला नियंत्रण होगा। इस प्रकार यह नीति माफियाओं को कानूनी मान्यता देने की साजिश है।
कहा कि इस नीति के कारण फिर से राज्य को राजस्व की भारी क्षति होगी।
कहा कि इस मॉडल से चंद रसूखदार और सत्ताधारी नेताओं के करीबी व्यापारी ही लाभ उठाएंगे। बेरोजगारों,छोटे उद्यमियों और ग्रामीणों केलिए इसमें कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगर सचमुच ने रोजगार देना चाहती है तो एक व्यक्ति को एक दुकान की नीति लागू हो।इससे शराब व्यापार में समानता और पारदर्शिता आएगी। साथ ही जो लाइसेंस ले उसे ही दुकान चलाने की शर्त रखी जाय ताकि बिचौलियों और नामधारी माफियाओं का धंधा बंद हो। दुकान संचालन में परिवार की प्रत्यक्ष उपस्थिति भी अनिवार्य की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अधिसूचित क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में दुकानों को आरक्षित किया जाए।जिससे स्थानीय समुदायों को न्यायसंगत भागीदारी मिलेगी और माफियागिरी से मुक्ति भी मिलेगी।
कहा कि ग्रामीण महिलाएं जो सड़क किनारे हड़िया बेचने को मजबूर हैं उन्हें वैध तरीके से दुकानें आवंटित की जाए ताकि राज्य की बहन बेटियां सम्मानजनक तरीके से आजीविका पा सकें।
उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती तो भाजपा इसका पूरे प्रदेश में प्रबल विरोध करेगी। पार्टी चुप नहीं बैठेगी। प्रखंड,जिलों तक आंदोलन करेगी।
प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक,प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह उपस्थित थे।