10 एकड़ जमीन को लेकर देवव्रत शाहदेव ने करायी थी BJP नेता अनिल टाइगर की हत्या।
Sandeep Jain - 4/11/2025 8:50:51 AM -
राजधानी के कांके थाना क्षेत्र स्थित कांके चौक पर बीते 26 जुलाई को भाजपा नेता अनिल टाइगर की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. डीआईजी एसएसपी चंदन सिन्हा के निर्देश पर गठित पुलिस की विशेष टीम ने इस हत्याकांड का खुलासा कर लिया है.
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि बड़ा लाल स्ट्रीट किशोरगंज के रहने वाले देवव्रत नाथ शाहदेव ने कांके थाना क्षेत्र के गागी खटंगा गांव स्थित 10 एकड़ विवादित भूमि को लेकर भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या शूटर के माध्यम से कराई थी.
इस घटना को अंजाम देने में सात लोगों की भूमिका पाई गई है. जिनमें – देवव्रत नाथ शाहदेव, अभिषेक सिन्हा, रोहित वर्मा, अमन सिंह, जिशान अख्तर, मनीष, चौरसिया और अजय कुमार रजक शामिल है.
इनमें से चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जिनमें – अमन सिंह, मनीष चौरसिया, जिशान अख्तर और अजय कुमार शामिल है. इस घटना में शामिल बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है. गुरुवार को एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी.
पुलिस की जांच में पता चला कि 10 एकड़ जमीन पर देवव्रत नाथ शाहदेव के द्वारा किये जा रहे कब्जे का विरोध अनिल टाइगर और ग्रामीणों के सहयोग से कर रहे थे. जिस दौरान कई बार देवव्रत नाथ शाहदेव और अनिल महतो के बीच वार्ता विफल रही थी. वार्ता के दौरान ही वर्ष-2023 के अगस्त माह में देवव्रत नाथ शाहदेव द्वारा उक्त भूमि पर चाहरदिवारी का निर्माण कर जबरन दखल कब्जा किया जा रहा था, जिस दौरान अनिल महतो ने स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से देवव्रत नाथ शाहदेव के द्वारा किये जा रहे दखल कब्जा का विरोध किया गया.
जिस संदर्भ में देवव्रत नाथ शाहदेव ने उक्त भूमि के केयर टेकर दिलीप कुमार मुंडा के माध्यम से कांके थाना में अनिल महतो सहित आठ नामजद और 40-50 अन्य के विरूद्ध मारपीट, तोड़फोड़ करने और रंगदारी की मांग करने के आरोप में कांके थाना कांड संख्या-215/2023 दर्ज करायी थी.
इस घटना के बाद भी कई बार देवव्रत नाथ शाहदेव ने अपने सहयोगियों के माध्यम से उस जमीन पर दखल-कब्जा करने एवं बिक्री करने का प्रयास किया. परंतु मृतक अनिल महतो ने देवव्रत नाथ शाहदेव का लगातार विरोध किया, जिसके परिमाणस्वरूप देवव्रत नाथ शाहदेव के द्वारा उस भूमि पर न तो कब्जा किया जा सका और न ही उसकी बिक्री की जा सकी.
इस बीच दिसंबर 2023 में देवव्रत नाथ शाहदेव के पक्ष में हरमू निवासी विनोद पासवान नाम के व्यक्ति ने और अनिल महतो ने विवाद के समाधान के लिए विनोद पासवान के घर बैठक की. बैठक के दौरान अनिल महतो ने यह मांग रखी कि प्रति डिसमील 50 हजार की दर से 4.5 करोड़ रूपये आप हमको दिजिए, तब स्थानीय जोतकार आपका विरोध नहीं करेंगे
परंतु बैठक के दौरान ही देवव्रत नाथ शाहदेव और मृतक अनिल महतो के बीच रूपये कटने के बिन्दु पर समझौता नहीं हो पाने के कारण कहासुनी हुई. इसके बाद देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल महतों को धमकी देते हुए उनपर पिस्टल तान दिया. जिसके बाद समझौता वार्ता पुनः विफल हो गई.
वार्ता के विफल होने के बाद देवव्रत नाथ शाहदेव के द्वारा विवादित जमीन पर पालकोट हाउस रोड नामक एप्रोच रोड सासंद मद से बनाने का निर्णय लिया गया. सासंद रांची के माध्यम से उसके शिलान्यास के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसकी सूचना मृतक अनिल टाईगर को प्राप्त होने पर उनके द्वारा सासंद के समक्ष विवादित जमीन से संबंधित तथ्य रखा गया.
साक्षियों के अनुसार, जब सासंद शिलान्यास के लिए गागी खटंगा गांव तक आए तो फिर से अनिल टाईगर के द्वारा इस शिलान्यास का विरोध किया गया तो माननीय सांसद शिलान्यास कार्यक्रम रद्द करते हुए वापस लौट गये. मृतक अनिल महतो द्वारा देवव्रत नाथ शाहदेव के विवादित भूमि का अवैध कब्जा किये जाने के सभी प्रयास का लगातार विरोध किये जाने से देवव्रत नाथ शाहदेव क्षुब्ध और क्रोधित था.
जमीन पर दखल-कब्जा नहीं होने और उसकी बिक्री नहीं हो पाने के कारण उसे आर्थिक नुकसान भी हुआ था. देवव्रत नाथ शाहदेव के द्वारा जमीन कब्जा किये जाने की प्रक्रिया में अनिल महतो उर्फ अनिल टाईगर के रूप में उत्पन्न बाधा को दूर करने के लिए अनिल महतो की हत्या की योजना बनायी गई और हत्या के लिए अपराधी अभिषेक सिन्हा को सुपारी दी गयी.