फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज की पहल ‘कॉफी एैट चैंबर‘ के तहत आज चैंबर भवन में उद्योग सचिव जितेंद्र कुमार सिंह के साथ राज्य के औद्योगिक विकास पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन चैंबर उपाध्यक्ष राहुल साबू और ज्योति कुमारी ने किया। उन्होंने उद्यमियों की ओर से उद्योग सचिव से बारी-बारी से प्रश्न भी पूछे जिसका उद्योग सचिव ने संतोषप्रद जवाब दिया।
उपाध्यक्ष राहुल साबू और ज्योति कुमारी ने झारखण्ड के औद्योगिक विकास के प्रोत्साहन हेतु सरकार द्वारा उठाये जानेवाले कदम, विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार की योजना, कारोबार को आसान बनाने के लिए सरकार के उपाय, उद्योगों के लिए बिजली आपूर्ति और लॉजिस्टिक्स से संबंधित चुनौतियों का समाधान, उद्योगों के लिए कुशल श्रमिकों की उपलब्धता के लिए किये जानेवाले प्रयास, एमएसएमई के प्रोत्साहन हेतु सरकार की योजना, राज्य में नये निवेश स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा दिये जानेवाले अनुदान, सब्सिडी, औद्योगिक विकास के लिए सरकार की रणनीति में नवाचार की भूमिका, स्टेकहोल्डर्स के साथ समन्वय और उद्योगों की चुनौतियों के समाधान में उद्योग विभाग की सहभागिता से जुडे प्रश्न किये।
चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने सिंगल विंडो सिस्टम को दुरूस्त करने के साथ ही नियमित रूप से इसके समीक्षा की बात कही। यह कहा कि व्यवस्था ऐसी हो, कि आवेदक को स्वतः इसकी जानकारी मिले कि उनका आवेदन कहां पेंडिंग है। यदि सिंगल विंडो रेगुलराइज हो जाय तो 80 फीसदी समस्याएं स्वतः खत्म हो जायेंगी और हम समस्याओं से उठकर डेवलपमेंट की पहल कर पायेंगे। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि इंडस्ट्रीयल एरिया में नगर निगम द्वारा नोटिसें देकर उद्यमियों को अनावष्यक परेशान किया जाता है। उन्होंने पूछा कि क्या इंडस्ट्रीयल एरिया में भी नगर निगम का कुछ रोल है? यदि नहीं तो इसके दस्तावेज हमें उपलब्ध कराये जायें ताकि ऐसी स्थिति आने पर हमारे उद्यमी निगम के अधिकारियों को दिखा सकें।
उद्योग सचिव जितेंद्र सिंह ने चैंबर के सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए चैंबर के चुनावी प्रक्रिया की प्रशंसा की। सिंगल विंडो सिस्टम को इंप्रूव करने की बात को उपयुक्त बताते हुए उन्होंने कहा कि हर एक मध्यांतर में समीक्षा भी की जा रही है। इसमें सुधार के लिए कंसल्टेंट्स भी हायर किये जा रहे हैं। हम पंजाब, तमिलनाडु के मॉडल की भी समीक्षा कर रहे हैं। उद्योगों के प्रोत्साहन हेतु इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रयास के तहत रांची में फार्मा पार्क, ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण हो रहा है। कुटीर उद्योग को बढावा देने के लिए पहली बार राज्य में एमएसएमई प्रमोशन पॉलिसी लाई गई है। प्रदेश की टेक्सटाइल पॉलिसी के प्रावधानों के कारण ही हमारा राज्य टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहा है। राज्य से निर्यात को बढावा देने के लिए एक्सपोर्ट पॉलिसी 2023 लांच की गई। उन्होंने यह भी कहा कि झारखण्ड का कोई भी उद्यमी विदेश में स्टॉल सेटअप करता है तो उसका 75 फीसदी खर्च सरकार उठाती है। महिलाओं को 90 फीसदी राशि रिम्बर्स की जाती है। उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए गुड्स एक्सपोर्ट में ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी दी जा रही है। उद्योगों में कुशल श्रमबल की उपलब्धता के लिए स्किल डेवलपमेंट मिशन के साथ ही अन्य संस्थाएं निरंतर प्रयास कर रही हैं।
चैंबर के पूर्व अध्यक्ष धीरज तनेजा ने राज्य की रनिंग इंडस्ट्री के लिए विभाग की ओर से प्रोत्साहन देने की बात कही। यह भी कहा कि इथेनॉल पॉलिसी के तहत उद्यमियों को प्लांट लगाने के लिए जियाडा द्वारा सब्सिडाइज्ड दर पर भूमि का आवंटन भी किया जाना चािहए। सभा के अंत में महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने चैंबर के पूर्व अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी समिति के सदस्यों संग उद्योग सचिव को शाल एवं पुष्पगुच्छ देकर अभिवादन किया। सभा का धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने किया।
बैठक में चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी, उपाध्यक्ष राहुल साबू, ज्योति कुमारी, महासचिव आदित्य मल्होत्रा, सह सचिव विकास विजयवर्गीय, नवजोत अलंग, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष केके पोद्दार, धीरज तनेजा, कार्यकारिणी सदस्य राम बांगड, साहित्य पवन, संजय अखौरी, आस्था किरण, सदस्य आरके चौधरी, मुकेश पांडे, अरविंदर सिंह खुराना, शषांक भारद्वाज, आनंद जालान, अविराज अग्रवाल, विजय छापडिया, आरके गुप्ता, बिनोद बक्षी, संतोष अग्रवाल, जसविंदर सिंह, विकास झाझरिया, प्रकाष हेतमसरिया समेत सैकडों उद्यमी उपस्थित थे।