झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष, माननीय न्यायाधीश ने डालसा को टीम गठित कर पीड़ितों को मदद पहुंचाने का दिया आदेश।
Sandeep Jain - 5/13/2025 7:45:47 AM -
माता-पिता के आकस्मिक निधन होने पर तथा उनके बच्चों के अनाथ हो जाने वाली खबर पर झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष, माननीय न्यायाधीश, झारखण्ड उच्च न्यायालय, श्री सुजित नारायण प्रसाद ने उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुए डालसा को टीम गठित कर पीड़ितों को मदद पहुंचाने का दिया आदेश।
अनाथ बच्चों को लाभकारी योजना से जोड़ना ही डालसा का उद्देश्य।
रांची : विभिन्न अखबारों में छपी खबर माता-पिता के आकस्मिक निधन होने पर तथा उनके बच्चों के अनाथ हो जाने पर झारखण्ड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश-सह-कार्यपालक अध्यक्ष, झालसा माननीय श्री सुजित नारायण प्रसाद ने संज्ञान लिया है एवं झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची को यह आदेश दिया हैं कि वह तत्काल टीम गठित कर बेड़ो प्रखंड के हरिहरपुर जामटोली गांव में पहुंचकर पीड़ितों से रू-ब-रू होकर मृतक माता-पिता के बच्चों को उचित विधिक सहायता प्रदान करें।
इस निर्देश का पालन करते हुए माननीय न्यायायुक्त के मार्गदर्शन में डालसा के सचिव (ईंचार्ज) श्री अभिषेक श्रीवास्तव, पीएलवी, सतीश कुमार, सधनी कुमारी, दिनेश कुमार प्रमाणिक एवं अन्य टीम गठित कर बेड़ो प्रखंड के हरिहरपुर जामटोली गांव में पहुंचकर पीड़ितों से रू-ब-रू होकर मृतक माता-पिता के बच्चों से मिलकर उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिये।
डालसा टीम के द्वारा पीड़ित परिवार से मिलकर पीड़ित परिवार को भिन्न-भिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गयी।
डालसा टीम के द्वारा एक कमज़ोर परिवार की पहचान की गई जिसमें एक बुजुर्ग महिला और तीन अनाथ बेटियाँ शामिल थीं। यह परिवार संकट में है, खराब आवासीय परिस्थितियों में रह रहा है और बुनियादी कल्याण अधिकारों तक पहुँच से वंचित है। तत्काल कानूनी सहायता शुरू की गई है, और पेंशन योजनाओं, आवास, राशन और शिक्षा लाभों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जा रही है।
दौरान इसके बाल कल्याण विभाग से संपर्क किया गया है, और उन्होंने तीनों लड़कियों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में प्रवेश दिलाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी से भी डीएलएसए ने संपर्क किया है और उन्होंने पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा है कि मामले को आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित समिति के समक्ष रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त, पीएलवी को कमज़ोर लड़कियों और उनके रिश्तेदारों को डीएलएसए कार्यालय में लाने का निर्देश दिया गया है। तीनों लड़कियों के पुनर्वास, संरक्षण और देखभाल के लिए बेहतर समन्वय के लिए संबंधित विभाग को सूचित कर दिया गया है। स्थानीय पीएलवी और ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें कई परिवारों के लिए सहायता का अनुरोध किया गया है।
बताते चले कि अभी तक पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा चलाये जा रहे किसी भी लाभकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पीड़ित परिवार को विभिन्न योजनाओं जैसे दादा-दादी वृद्धा पेंशन योजना, पी.एम. आवास योजना, सिंचाई कूप योजना, सुकर पालन योजना, दीदी-बाड़ी योजना आदि का लाभ दिलाने हेतु आवेदन पीएलवी और जन प्रतिनिधियों द्वारा डालसा, रांची को दिया गया है। डालसा के पहल पर मृतक माता-पिता के बच्चों को कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने की ओर भी प्रयास किया जा रहा है।